
देश के लिए जिसने विलास को ठुकराया था,
त्याग विदेशी धागे उसने खुद ही खादी बनाया था,
पहन के काठ की चप्पल जिसने सत्याग्रह का राग सुनाया था,
वो महापुरुष महात्मा गाँधी कहलाया था।
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सीधा साधा वेश था,
ना कोई अभिमान,
खादी की एक धोती पहने,
बापू की थी शान।
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महानायक वो आजादी का,
अटल अहिंसावादी था,
गोरों को छुड़वाया भारत,
तन पे जिसके खादी था।
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गाँधी जयंती पर मेरा
सभी से बस यही कहना है
जीना है तो गाँधी जैसे
वरना जीना भी क्या जीना है
हैप्पी गाँधी जयंती
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कहाँ गयी वो तेरी अहिंसा,
कहाँ गया वो प्यार,
गांधी तेरे देश में
ये कैसा अत्याचार.
Happy Gandhi Jayanti
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राष्ट्रपिता है गांधी जी,
महात्मा है गांधी जी,
साबरमती के संत भी कहलाते है गांधी जी,
बिना शस्त्र उठाये देश को आजादी दी
अहिंसा की राह पर सदा चले गांधी जी.
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